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Hello, this is Atreya, the story teller 😁, this is the story of mere friend ke chacha ke mama ki story. Aaram se padhiyega...
पियूष को हर कोई बचपन से ही राजकुमार कहता था। 👑 उसकी ज़िंदगी में किसी चीज़ की कमी नहीं थी—मां-पापा का प्यार, महंगी चीजें, शानदार स्कूल, और हर किसी की वाहवाही। वो घर का लाडला था, और जैसा चाहे वैसा जीता था।
लेकिन उसकी ये परफेक्ट ज़िंदगी तब बदली जब वो कॉलेज पहुंचा। 🏫
College Days:
कॉलेज के पहले दिन उसने सोचा था कि यहां भी वही स्टार बनेगा, लेकिन चीजें वैसी नहीं थीं। क्लास में कोई उसकी परवाह नहीं करता था। यहां सब अपने-अपने टैलेंट में माहिर थे।
पियूष को महसूस हुआ कि वो तो बस एक बड़े घर का लड़का है, जिसने कभी मेहनत करना सीखा ही नहीं। 😟
एक दिन, जब उसे एक प्रेजेंटेशन के लिए खड़ा होना था, तो उसने सबके सामने शर्मिंदा होकर कहा,
"मुझे माफ करिए, मुझे ये काम करना नहीं आता।"
क्लास में सभी लोग हंस पड़े। 😂
उस रात पियूष ने रोते हुए खुद से कहा, "अगर मैं हार मान गया, तो मैं कभी कुछ नहीं कर पाऊंगा।" उसने तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो सीखने की कोशिश करेगा। ✨
अगले दिन से, वो हर चीज़ पर ध्यान देने लगा। उसने क्लास के सबसे इंटेलिजेंट लड़के को अपना दोस्त बना लिया और उससे मदद मांगने में झिझका नहीं। धीरे-धीरे, उसने सबको दिखा दिया कि मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
लेकिन ये तो बस शुरुआत थी, वो कहते है ना दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग होतें है जिनके यहां बरसात नहीं होती, सीधी सुनामी आती है। चलो आगे का बताता हूं:
जैसे ही प्रेजेंटेशन और पढ़ाई ठीक हुई, उसके पापा के बिजनेस में नुकसान होने लगा। घर की हालत खराब होने लगी। 💔
मां ने कहा, "पियूष, अब हमें संभलकर खर्च करना होगा।"
पियूष पहली बार समझा कि असली ज़िंदगी में पैसे की कितनी अहमियत होती है।
उसने पार्ट-टाइम जॉब करना शुरू किया। दिन में कॉलेज और रात में काम—ज़िंदगी मुश्किल थी, लेकिन उसने कभी शिकायत नहीं की।
“ये भी एक फेज़ है, निकल जाएगा,” वो खुद से कहता था।
आप पढ़ते पढ़ते थक गए हों तो आप एक चाय का ब्रेक ले सकते हैं, I really care for you 🥰.
अब
जब चीजें थोड़ा ठीक होने लगीं, तभी पियूष की मां बीमार पड़ गईं। 😓 🏥 डॉक्टर ने कहा कि उन्हें लंबे इलाज की जरूरत है।
पियूष टूट गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपनी पढ़ाई और नौकरी के बीच मां की देखभाल करना जारी रखा।
वो हॉस्पिटल में पढ़ाई करता, फिर जॉब करता, और रात में मां के पास सो जाता। उसकी हालत देखकर लोग कहते,
“तू इतना सब कैसे कर लेता है?”
वो मुस्कुराते हुए कहता, "हार मानने का सवाल ही नहीं उठता। जिंदगी मुझे जितना झुका सकती है, मैं उतना ही उठूंगा।" 💪
- ऐसे लोग बहुत कम ही होतें है जो वैसा करके दिखाते हैं जैसा वो बोलते हैं, हार उनका बहुत कुछ छीन तो लेती है लेकिन वो हार स्वीकार नहीं करते, और जीतकर ही दम लेते हैं। -
चलो अब स्टोरी पर आते हैं
धीरे-धीरे, उसकी मेहनत रंग लाई। मां की तबीयत ठीक हो गई। उसने अपनी पढ़ाई में टॉप किया। 🏅 और उसे एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई।
उसके कॉलेज का वो लड़का, जो कभी उस पर हंसा करता था, अब उससे सलाह मांगने लगा।
पियूष ने उसे बस एक बात कही,
“जिंदगी कभी भी आसान नहीं होगी। हर दिन एक नई चुनौती आएगी। लेकिन जो हार नहीं मानता, वही असली हीरो बनता है।” 🌟
सीख:
पियूष की कहानी बताती है कि जिंदगी में चाहे कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों न हो, अगर आप हिम्मत रखते हैं, तो हर मुश्किल को पार कर सकते हैं।
"ज़िंदगी जीने का असली मजा तब है, जब आप अपनी हार को जीत में बदल दें।" 🌈
© antkguru