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शहर की तंग गलियों में एक रहस्यमयी नाम गूंजता था—"करकून" 😍लोग कहते थे, जो भी उसका काम देखे, दंग रह जाए। बिना किसी पहचान के, बिना किसी इनाम के, करकून मदद कर जाता था। पर कोई नहीं जानता था कि वो है कौन?
रवि, 22 साल का पत्रकार, जिसने हाल ही में नौकरी शुरू की थी, इस रहस्यमयी शख्सियत का सच जानने के लिए बेचैन था। मोहल्ले के एक बुजुर्ग ने उसे बताया, "करकून को पकड़ना आसान नहीं। वो वहां होता है, जहां जरूरत होती है। लेकिन दिखता कभी नहीं।"
रवि को यकीन नहीं हुआ। क्या वाकई कोई इंसान बिना किसी पहचान के इतना काम कर सकता है?
रवि ने एक योजना बनाई। उसने अपनी पुरानी साइकिल को मोहल्ले की बीच सड़क पर खराब कर दिया और एक दुकान के पीछे छिपकर इंतजार करने लगा। रात के करीब दो बजे, हल्की सी सरसराहट हुई। एक परछाई धीरे से आई और झुककर साइकिल के टायर को छूने लगी।
रवि की धड़कन तेज हो गई। परछाई ने बड़े आराम से चेन को कस दिया, ब्रेक दुरुस्त किया और जाने लगी। रवि ने झट से उसका पीछा किया, लेकिन जैसे ही मोड़ आया, वो गायब हो गई! 😱
दूसरी रात, रवि सतर्क था। उसने एक और तरकीब सोची। मोहल्ले के नुक्कड़ पर लगा स्ट्रीट लाइट कई दिनों से खराब था। रवि ने वहां एक कैमरा फिट कर दिया और खुद दूर खड़ा होकर नजर रखने लगा।
रात के 3 बजे, एक हल्की आहट हुई। वही परछाई आई, धीरे से स्ट्रीट लाइट की ओर बढ़ी, अपनी जेब से कुछ निकाला और तारों को जोड़ने लगी। कुछ ही मिनटों में लाइट जल उठी! रवि फौरन दौड़ा, लेकिन तब तक परछाई जा चुकी थी।
अब तक तो रवि के अंदर रोमांच की हदें पार हो चुकी थीं। उसने कैमरे का फुटेज देखा। परछाई की चाल किसी आम इंसान जैसी नहीं थी, मगर वो कोई भूत भी नहीं था।
तीसरी रात, रवि ने गली के एक घर की छत पर बैठकर नजर रखी। जैसे ही करकून आया, रवि ने छलांग लगाकर उसका हाथ पकड़ लिया!
"रुको! आखिर तुम कौन हो?" 😡
परछाई ठिठक गई। हल्की रोशनी में चेहरा दिखा—ये कोई और नहीं, मोहल्ले के चायवाले चाचा थे! 😲
रवि हैरान रह गया। "चाचा, आप? लेकिन क्यों?"
चाचा मुस्कुराए, "बेटा, मैं अपनी पहचान से ज्यादा अपने काम को अहमियत देता हूँ। ये समाज हमें बहुत कुछ देता है, अगर हम भी उसे कुछ वापस दें, तो इसमें गलत क्या है?"
रवि समझ चुका था कि असली हीरो वो नहीं होते जो सुर्खियों में होते हैं, बल्कि वो होते हैं जो बिना पहचान के, बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करते हैं।
सीख: दिखावा करना आसान है, लेकिन सच्ची खुशी और सम्मान वही पाते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के लिए कुछ करते हैं। 🌟
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